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सोमवार, 26 अप्रैल 2021

कार्यशाला : कुंडलिया

कार्यशाला : कुंडलिया
दोहा - बसंत, रोला - संजीव
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सिर के ऊपर बाज है, नीचे तीर कमान |
खतरा है, फिर भी भरे, चिड़िया रोज उड़ान ||
चिड़िया रोज उड़ान, भरे अंडे भी सेती
कभी ना सोचे पाऊँगी, क्या-क्यों मैं देती
काम करे निष्काम, रहे नभ में या भू पर
तनिक न चिंता करे, ताज या आफत सिर पर
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