मुक्तिका
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जनमत मत सुन, अपने मन की बात करो
जन विश्वास भेज ठेंगे पर घात करो
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बीमारी को हरगिज दूर न होने दो
रैली भाषण सभा नित्य दिन रात करो
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अन्य दली सरकार न बन या बच पाए
डरा खरीदो, गिरा लोक' की मात करो
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रोजी-रोटी छीन, भुखमरी फैला दो
मुट्ठी भर गेहूँ जन की औकात करो
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जो न करे जयकार, उसे गद्दार कहो
जो खुद्दार उन्हीं पर अत्याचार करो
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मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर को लड़वाओ
लिखा नया इतिहास, सत्य से रार करो
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हों अपने दामाद यवन तो जायज है
लव जिहाद कहकर औरों पर वार करो
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