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गुरुवार, 29 अप्रैल 2021

भक्ति गीत

भक्ति गीत
संजीव
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नटखट गोपाल श्याम जसुमति का लाला
*
बरज रही बिरज मही जाओ मत तजकर
टेर रहीं धेनु दुलराओ भुज भरकर
माखन की मटकी लो गोरस का प्याला
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जमुना की लहरें-तट, झूमते करील
कुंजों में राधिका, नयन गह्वर झील
वेणु का निनाद; कदंब ऊँचा रखवाला
*
रास का हुलास, फोड़ मटकी खो जाना
मीठी मुसकान मधुर मन में बो जाना
बाबा का लाड़, मोह मैया ने पाला
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२९-४-२०२०

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