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रविवार, 25 अप्रैल 2021

मांडवी मोहम्मद अहसान

Maandvi मांडवी
मोहम्मद अहसान 

If you have visited Goa, you know the river Manandvi. You must have river-cruised through it. It ‘s a beautiful river but not many people might know that this is only the backwater of the sea. But does it matter! No. It is still a river and a beautiful one. And here is a tribute to this beautiful river.

'मांडवी' तुम्हारी बात और है
तुम सुंदर तो हो ही
तुम समुद्र का ' बैकवाटर ' भी हो
हर नदी सागर में गिरती है
मगर सागर तुम्हारी ओर दौड़ता है ;
मेरी कुछ मुश्किलें हैं
न जाने कितनी शक्लें
कितने चेहरे
चकराते रहते हैं ;
स्मृति की हर सरिता मन के सागर में ही गिरती है,
मन घबरा जाता है,
मन के पास तुम्हारे जैसा कोई बैकवाटर नहीं
जहां कुछ शेष स्मृतियाँ , वह
कुछ दिन संचित कर दे

-नीम का पेड़

Maandvi

Maandvi tumhari baat aur hai
Tum sundar to ho hi
Tum samudra ka ‘backwater’ bhi ho
Har nadi saagar mein girti hai
Magar saagar tumhaari or dauRta hai

Meri kuchh mushkilain hain
Na jaane kitni shaklain
Kitne chehre;
Smriti ki har sarita man ke saagar mein hi girti hai
Man ghabra jaata hai
Man ke paas tumhare jaisa koi ‘backwater’ nahi,
Jahaan kuchh shesh smritiyaan, wohh
Kuchh din sanchit kar de

Mohammad Ahsan
Goa / 17-04-03

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