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शनिवार, 13 मार्च 2021

क्षणिका

क्षणिका
*
आमंत्रण है तुम्हें पधारो कोरोना
थके न मिटती रिश्वरखोरी
सुना कर रहे तुम बरजोरी
झटपट आओ,
इसे मिटाओ
सही न जाए कुछ कोरो ना
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संजीव
१३.३.२०२०
९४२५१८३२४४

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