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बुधवार, 17 मार्च 2021

मुक्तिका

मुक्तिका 
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आदमी भला मेरा गर करेंगे। १९  
सितारे बदी करने सेडरेंगे।। 
बिना मतलब मदद कर दे किसी की 
दुआ के फूल तुझ पर तब झरेंगे।। 
कलम थामे न जो कहते हकीकत 
आप ही वे बिना मारे मरेंगे।। 
नर्मदा नेह की जो नित नहाते  
बिना तारे किसी के खुद तरेंगे।। 
न रुकते जो 'सलिल' सम सतत बहते 
सुनिश्चित मानिये वे जय वरेंगे।। 
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१७ मार्च २०१० 

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