ॐ
छंद बहर का मूल है: ३
राग छंद
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छंद परिचय:
बीस मात्रिक महादैशिक जातीय छंद।
तेरह वार्णिक अति जगती जातीय राग छंद।
संरचना: SIS ISI SIS ISI S
सूत्र: रजरजग।
बहर: फ़ाइलुं मुफ़ाइलुं मुफ़ाइलुं फ़अल।
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आइये! मनाइए, रिझाइए हमें
प्यार का प्रमाण भी दिखाइए हमें
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चाह में रहे, न सिर्फ बाँह में रहे
क्रोध से तलाक दे न जाइए हमें
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''हैं न आप संग तो अजाब जिंदगी''
बोल प्यार बाँट संग पाइए हमें
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जान हैं, बनें सुजान एक हों सदा
दे अजान रोज-रोज भाइये हमें
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कौन छंद?, कौन बहर?, क्यों पता करें?
शब्द-भाव में पिरो बसाइए हमें
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संत हों न साधु हों, न देवता बनें
आदमी बने तभी सुहाइये हमें
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दो, न दो रहें, न एक बनें, क्यों कहो?
जान हमारी बनें बनाइए हमें
१५.४.२०१७
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