कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018

chhand karya shala: radhika chhand

छंद कार्य शाला :
राधिका छंद  
लक्षण: २२ मात्रिक, द्विपदिक, समतुकांती छंद। 
विधान: यति १३-९, पदांत यगण १२२ , मगण २२२।  
अभिनव प्रयोग 
गीत 
*
क्यों मूल्य हुए निर्मूल्य, 
कौन बतलाए?
क्यों अपने ही रह गए,
न सगे; पराए।।  
*
तुलसी न उगाई कहाँ,
नवाएँ माथा?
'लिव इन' में कैसे लगे 
बहू का हाथा? 
क्या होता अर्पण और 
समर्पण क्यों हो?
जब बराबरी ही मात्र, 
लक्ष्य रह जाए?
क्यों मूल्य हुए निर्मूल्य, 
कौन बतलाए?
*
रिश्ते न टिकाऊ रहे,
यही है रोना। 
संबंध बिकाऊ बना
चैन मत खोना।। 
मिल प्रेम-त्याग का पाठ 
न भूल पढ़ाएँ।    
बिन दिशा तय किए कदम, 
न मंजिल पाए।।
क्यों मूल्य हुए निर्मूल्य, 
कौन बतलाए?
*
संजीव, २.१०.२०१८

कोई टिप्पणी नहीं: