कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018

chhand karya shala radhika chhand

छंद कार्य शाला :
राधिका छंद १३-९ 
लक्षण: २२ मात्रिक, द्विपदिक, समतुकांती छंद.
विधान: यति १३-९, पदांत यगण १२२ , मगण २२२ 
उदाहरण:
१. 
जिसने हिंदी को छोड़, लिखी अंग्रेजी 
उसने अपनी ही आन, गर्त में भेजी 
निज भाषा-भूषा की न, चाह क्यों पाली?
क्यों दुग्ध छोड़कर मय, प्याले में ढाली 
*
नवप्रयोग 
२. मुक्तक 
गाँधी की आँधी चली, लोग थे जागे 
सत्याग्रहियों में होड़, कौन हो आगे?
लाठी-डंडों को थाम, सिपाही दौड़े- 
जो कायर थे वे पीठ, दिखा झट भागे 
*
३. मुक्तिका 
था लालबहादुर सा न, दूसरा नेता 
रह सत्ता-सुख से दूर, नाव निज खेता 
.
अवसर आए अनगिनत, न किंतु भुनाए
वे जिए जनक सम अडिग, न उन सा जेता 
.
पाकी छोटा तन देख, समर में कूदे 
हिमगिरि सा ऊँचा अजित, मनोबल चेता 
.
व्रत सोमवार को करे, देश मिल सारा 
अमरीका का अभिमान, कर दिया रेता 
.
कर 'जय जवान' उद्घोष, गगन गुंजाया 
फिर 'जय किसान' था जोश, नया भर देता
*
असमय ही आया समय, विदा होने का 
क्या समझे कोई लाल, विदा है लेता
***
२-१०-२०१८

कोई टिप्पणी नहीं: