कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 30 अक्तूबर 2018

मुक्तक / मुक्तिका

नव प्रयोग
*
नौ मात्रिक छंद
छंद सूत्र: य न ल
मापनी: १२२११११
*
मुक्तक-
मिलोगी जब तुम
मिटेंगे तब गम।
खिलेंगे नित गुल
हँसेंगे मिल हम।।
***
मुक्तिका -
हँसा है दिनकर
उषा का गह कर।
*
कहेगी सरगम
चिरैया छिपकर।
*
अँधेरा डरकर
गया है मरकर।
*
पियेगा जल नित
मजूरा उठकर।
*
न नेता सुखकर
न कोई अफसर
***
संजीव 'सलिल'
७९९९५५९६१८

कोई टिप्पणी नहीं: