कुल पेज दृश्य

बुधवार, 14 अप्रैल 2021

समानिका छंद


छंद बहर का मूल है: २
*
छंद परिचय:
ग्यारह मात्रिक रौद्र जातीय छंद।
सप्तवार्णिक उष्णिक जातीय समानिका छंद।
संरचना: SIS ISI S
सूत्र: रगण जगण गुरु / रजग।
बहर: फ़ाइलुं मुफ़ाइलुं ।
*
सूर्य आप भी बने
*
सत्य को न मारना
झूठ से न हारना
गैर को न पूजना
दीन से न भागना
बात आत्म की सुनें
सूर्य आप भी बने
*
काम काम से रखें
राम-राम भी भजें
डूब राग-रंग में
धर्म-कर्म ना तजें
शुभ विचार कर गुनें
सूर्य आप भी बने
*
देव दैत्य आप हैं
पुण्य-पाप आप हैं
आप ही बुरे-भले
आप ही उगे-ढले
साक्ष्य भाव से जियें
सूर्य आप भी बने
१४.४.२०१७
***

कोई टिप्पणी नहीं: