लघु कथा:
दीप्ति गुप्ता जी ने जर्मन लेखक C. Schmid, की प्रसिद्ध ‘बाल कथाओं’ का हिन्दी में अनुवाद किया है ! यह पुस्तक प्रकाशनाधीन है ! आज The Loving Sister का हिन्दी रूपान्तरण पढ़िए !
दीप्ति गुप्ता जी ने जर्मन लेखक C. Schmid, की प्रसिद्ध ‘बाल कथाओं’ का हिन्दी में अनुवाद किया है ! यह पुस्तक प्रकाशनाधीन है ! आज The Loving Sister का हिन्दी रूपान्तरण पढ़िए !
स्नेहिल बहन
·
· मारिया आंटी बहुत रईस थी लेकिन अकेली थी ! उसने एक नेक, उदार-दिल, मेहनती, हँसमुख और आज्ञाकारी
अनाथ लड़की को गोद लिया। एक दिन मरिया आंटी उस
लड़की से बोली-
''एनी, तुम बहुत अच्छी और प्यारी हो। मैं चाहती हूँ कि तुम्हें क्रिसमस के
मौके पर एक अच्छा सा उपहार दूँ। मैंने दुकानदार से बात कर ली है, ये रुपये लो और
दुकान पर जाकर अपने लिए एक मनपसन्द ख़ूबसूरत
ड्रेस ख़रीद लाओ।''
·
·
मारिया ने एनी को रुपये दिए, पर एनी कुछ सोचती खड़ी रही और
फिर बोली – माँ, अभी मेरे पास काफ़ी कपड़े हैं, जबकि मेरा बहन
फ़्रान्सिस फटे- पुराने कपड़े पहनती है। यदि वह मुझे नई ड्रेस पहने देखेगी तो निश्चित
ही मन ही मन थोड़ी उदास हो जायेगी। यदि आप इज़ाज़त दें तो ये रुपये मैं अपनी बहन को
भेज दूँ। वह मुझे बहुत प्यार करती है। जब मैं बीमार थी तो वह रोज़ मुझसे मिलने आती
थी और बहुत ही प्यार से मेरी देख-भाल करती थी।
·
यह सुनकर ममतामयी मारिया बोली – ''मेरी बच्ची, अपनी बहन को एक ख़त लिखो कि वह यहाँ आए और हमारे पास रहे। मैं तुम दोनो को बराबर रुपये दूँगी
क्योंकि तुम दोनो एक दूसरे को एक जैसा प्यार करती हो, एक दूसरे का ख़्याल रखती हो। मैं तुम दोनो को ही ख़ुश रखना चाहूँगी।''
“सुख के खुशनुमा और
दुख के उदास दिनों में
बहन से बेहतर कोई
दोस्त नहीं होता
जो थके और मायूस होने पे तुम्हे हँसाती है
और गुमराह होने पे रास्ता दिखाती है !!”
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