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शनिवार, 21 अगस्त 2021

हाइकु

हाइकु
*
जो जमाये हो
धरती पर पैर
उसी की खैर।
*
भू पर पैर
हाथ में आसमान
कोई न गैर।
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गह ले थाह
तब नदी में कूद
जी भर तैर
*
सब अपने
हैं प्रभु की सृष्टि में
पाल न बैर
*
भुला चिंता
नित्य सबेरे-शाम
कर ले सैर
२१-८-२०१६
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