श्री गणेश आवाहन :
डॉ. उदयभानु तिवारी 'मधुकर'
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आये गजानन द्वार हमारे,मंगल कलश सजाओ/
मित्रो! वन्दनवार बनाओ /
बुद्धि निधान भक्त चित चन्दन
विघ्न विनाशन गिरिजा नंदन
द्वार खड़े सब करलो वंदन
पुष्प चढाय करो अभिनन्दन
घी के दीप जलाओ,मित्रो !सुमन माल ले आओ //
आये गजानन -----------//१//
मूसक वाहन अद्भुत भ्राजे
चतुर्भुजी भगवान विराजे
ऋद्धि सिद्धि दोउ सँग में राजे
झांझर , शंख बजाओ बाजे
मोदक,फल ले आओ ,मित्रो !आरति थार सजाओ /
आये गजानन -----------//२//
ये अंधों के नयन प्रदाता
बाँझन के हैं प्रभु सुत दाता
देव ,मनुज के बुद्धि विधाता
इन्हें प्रथम ही पूजा जाता
एक दन्त गुण गाओ,प्रभु को आसान पर ले आओ /
आये गजानन ------------//३//
जय लम्बोदर भव दुखहारी
हम सब हैं प्रभु शरण तुम्हारी
जय जय जय संतन हितकारी
सुनिए गणपति विनय हमारी
आसन पर आजाओ ,गणपति विमल छटा छिटकाओ /
आये गजानन -----------//४//
कर तन,मन,धन तुम्हें समपर्ण
पत्र , पुष्प , फल करके अर्पण
''मधुकर''जन गण करते अर्चन
प्रभु कीजै निर्मल अंतर्मन
कृपा दृष्टि बरसाओ ,मित्रो !सब मिल आरति गाओ /
आये गजानन ----------//५//
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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रविवार, 29 अगस्त 2021
श्री गणेश आवाहन : डॉ. उदयभानु तिवारी 'मधुकर'
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