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गुरुवार, 19 अगस्त 2021

राखी गीत

राखी गीत
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करिया करिया बदरा  छाए, बरखा भई अपार 
गनपति बब्बा राखी लेकें, कैसे आऊँ द्वार?
बिनय करूँ रिद्धि माँ!, सिद्धि माँ! कर जोर 
तनक रोको मेघ को, करियो किरपा कोर
छटा ना बरसाती हम पे, कोउ न देत उधार 
गनपति बब्बा राखी लेकें, कैसे आऊँ द्वार?
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सारद मैया! नरियल ले लो, सर पै धर दो हाथ
छंद सिखा दो मैया मोरी, झुके न सुत को माथ 
ओ बीनाबारी! कंठ में बैठो बिनती मोर 
कजरिया लेओ कर कृपा, आस न टूटे डोर  
एक तुमाओ मोहे आसरा, कोउ न दूजा साथ 
सारद मैया! नरियल ले लो, सर पै धर दो हाथ
*
नाग देवता बिनय सुनो, जय जय भोले भंडारी 
प्रभुखौं सुध हमरी करबइयो, बिगरी बात सँवारी 
गौरी मैया भंग-धतूरा राखी सँग स्वीकार 
मँहगाई दो घटा तनक तो, जी पाएँ सरकार 
छाती पे होरा भूँजती, बहरी  है सरकार हमारी 
नाग देवता बिनय सुनो, जय जय भोले भंडारी 
१९-८-२०२१ 

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