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सोमवार, 23 अगस्त 2021

आँख

 याद आ रही है फ़िल्मी गीतों की कुछ पंक्तियाँ जिनका केंद्रीय विषय है आँख या आँख के पर्यायवाची शब्द नैन, नज़र,निगाह आदि. अन्य पाठक इसमें योगदान करें, गैर फ़िल्मी पंक्तियाँ भी दे सकते हैं. रचनाकार का नाम या अन्य जानकारियों का भी स्वागत है.

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आँख:
भूल सकता है भला कौन ये प्यारी आँखें
रंज में डूबी हुई नींद से भारी आँखें
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मेरी हर साँस ने, हर आस ने चाहा है तुम्हें
जब से देखा है तुम्हें तब से सराहा है तुम्हें
बस है गयी हैं मेरी आँखों में तुम्हारी आँखें
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तुम जो नज़रों को उठाओ तो सितारे झुक जाएँ
तुम जो पलकों को झुकाओ तो ज़माने झुक जाएँ
क्यों न बन जाएँ इन आँखों की पुजारी आँखें
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जागती रात को सपनों का खज़ाना मिल जाए
तुम जो मिल जाओ तो जीने का बहन मिल जाए
अपनी किस्मत पे करें नाज़ हमारी आँखें
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आँखों-आँखों में बात होने दो
मुझको अपनी बाँहों में सोने दो
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जाने क्या ढूँढती रहती हैं ये आँखें मुझमें
राख के ढेर में शोला है, न चिंगारी है
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उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आँखें
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नैन:
सारंगा तेरी याद में नैन हुए बेचैन
मधुर तुम्हारे मिलन बिन दिन तरसेसे नहीं रैन
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वो अम्बुआ का झूलना, वो पीपल छाँव
घूंघट में जब चाँद था, मेंहदी लगी थी पाँव
आज उजड़ कर रह गया, वो सपनों का गाँव
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संग तुम्हारे दो घडी, बीत गए दो पल
जल भर कर मेरे नैन में, आज हुए ओझल
सुख लेकर दुःख दे गयीं दो अँखियाँ चंचल
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हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाए
तेरे नैनों की भूल-भुलैयाँ में बॉबी खो जाए
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नज़र :
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी याद में
नज़रों को हम बिछायेंगे
चाहे कहीं भी तुम रही, चाहेंगे तुमको उम्र भर
तुमको न भूल पाएंगे
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