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रविवार, 11 अप्रैल 2021

क्षणिका : नेता

क्षणिका :
नेता 
संजीव
*
नेता!
तुम सभ्य तो हुए नहीं,
मनुज बनना तुम्हें नहीं भाया।
एक बात पूछूँ?, उत्तर दोगे??
लड़ना कहाँ से सीखा?
भागना कहाँ से आया??
***
११-४-२०१४

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