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रविवार, 2 सितंबर 2018

kshanika

क्षणिका: कृपा
😃
"कृपा चाहता हूँ"
न कहना कभी भी,
वरना नहीं तुम
रिहा हो सकोगे।
बहिन है 'कृपा'
इन जज साहिबा की
माँगा जो,
मुश्किल में
ज्यादा फँसोगे।
***
२.९.२०१८

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