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बुधवार, 12 सितंबर 2018

hartalika ke dohe

हरतालिका तीज
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गौरा बौरा के लिए, करें तीज व्रत मौन
कठिनाई क्यों सरल हो, बूझ सकेगा कौन?
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भिन्न न रह जब भी हुए, दो मन मिलकर एक
हर कंकर शंकर हुआ, लिए इरादे नेक.
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नाद करें चढ़ नादिया, भोले झूमे मस्त
ताल दे रहीं है उमा, थाम हस्त में हस्त
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चाँद-चाँदनी की तरह, सदा रहें जो साथ
उस दम्पति का कभी भी, झुका न जग में माथ
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चाँद और आकाश में, युग-युग का संबंध
धरा-चाँदनी ने किया, चिर कालिक अनुबंध
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न्यायालय ने कह दिया, बदलो अब कानून
आबादी बढ़ना रुके, तुरत सून से सून
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कुछ दिन की हरतालिका, पिछड़ापन उपवास
कोर्ट कर रही हाय क्यों, संस्कृति का उपहास?
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जज की जजनी बाई जी, चाहें पिज्जा रोज
इसीलिए यह फैसला, हुआ कर सकें भोज
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सात जन्म का वचन दे, मोदी बैठे छोड़
मोदिन व्रत कैसे करें, नाता सकीं न जोड़
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बौरा-गौरा भीत हैं. भारत का लाख हाल
छोड़ गए कैलाश भी, राहुल करें न ढाल
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ख़ास-ख़ास को दीजिए, उमा-महेश्वर दंड
आम आदमी की विपद, हरें मिटा पाखंड
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जोड़ सके हरितालिका, मन के टूटे तार
जन्म-जन तक निभ सके, सबका सच्चा प्यार
११.९.२०१८
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