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शनिवार, 29 सितंबर 2018

doha

दोहा 
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मिलते हैं जगदीश यदि, मन में हो विश्वास
सिया-राम-जय गुंजाती, जीवन की हर श्वास 
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आस लखन शत्रुघ्न फल, भरत विनम्र प्रयास 
पूर्ण समर्पण पवनसुत, दशकंधर संत्रास 
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त्याग-ओज कैकेई माँ, कौसल्या वनवास 
दशरथ इन्द्रिय, सुमित्रा है कर्तव्य-उजास 
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संयम-नियम समर्पिता, सीता-तनया हास 
नेह-नर्मदा-सलिल है, सरयू प्रभु की ख़ास 
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वध न अवध में सत्य का, होगा मानें आप 
रामालय हित कीजिए, राम-नाम का जाप 
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salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.com

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