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पीर पराई हो सगी, निज सुख भी हो गैर.
जिसको उसकी हमेशा, 'सलिल' रहेगी खैर..
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पीर पराई हो सगी, निज सुख भी हो गैर.
जिसको उसकी हमेशा, 'सलिल' रहेगी खैर..
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सबसे करले मित्रता, बाँट सभी को स्नेह.
'सलिल' कभी मत पालना, मन में किंचित बैर..
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'सलिल' कभी मत पालना, मन में किंचित बैर..
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