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मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

दोहा सलिला

दोहा सलिला
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पीर पराई हो सगी, निज सुख भी हो गैर.

जिसको उसकी हमेशा, 'सलिल' रहेगी खैर..
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सबसे करले मित्रता, बाँट सभी को स्नेह.

'सलिल' कभी मत पालना, मन में किंचित बैर..

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