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बुधवार, 21 अप्रैल 2021

दोहा सलिला

दोहा सलिला
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प्राण दीप की दीप्ति दे, कोरोना को मात। 
श्वास सलिल संजीव कर, कहे हुआ फिर प्रात।।
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लोभ-मोह कम कीजिए, सुख देता संतोष। 
बाहर कम घर अधिक रह, बढ़ा स्नेह का कोष।।
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जो बिछुड़े उनको नमन, जो सँग रखिए ध्यान।
खुद भी रहिए सुरक्षित, पा-दें साँसें दान।।
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करें गरारे भाप लें, सुबह शाम लें धूप।
कांता की जय बोले, कहिए कांत अनूप।।
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आशा कभी न छोड़िए, करें साधना योग।
लगे मुखौटा दूर हो, कोरोना का रोग।।
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