आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
ॐ
जग गुरु भारत बने हमारा,
साबरमती तीर से गूँजा
जनगण का जयकारा।
अमृत महोत्सव आज़ादी का
मना देश हुंकारा।।
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
*
'मन की बात' करें हिल-मिलकर।
भारत 'स्वच्छ' रखें मिल-जुलकर।।
'जनारोग्य-जन औषधि' सस्ती-
'ऋण' लें युवा उद्यमी हँसकर।।
'एम्स' ने स्वास्थ्य सुधारा।
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
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नीति 'उज्ज्वला' से विकास है,
'रक्षा बीमा' शुभ प्रयास है।
गाँव-गाँव 'बिजली-मकान' से-
आया जीवन में उजास है।
'शिक्षा' ने भाग्य सँवारा
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
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अपराधी को 'सख्त सजा' है,
करो 'परिश्रम' तभी मजा है।
'तीन तलाक' न रस्ता रोके-
'शोषक' को कानून कजा है।।
'कृषि कानून' सुधारा
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
*
'अंत्योदय' योजना सुहाई,
'मुद्रा योजना' उन्नति लाई।
'मैटरनिटी लीव' अब ज्यादा
'कनेक्टिविटी डिजिटल' मन भाई।।
'जन धन खाता' हुआ सहारा
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
*
मित्रों को 'कोरोना टीका',
बाँट रहे है कारज नीका।
'स्ट्राइक सर्जिकल' शौर्य है-
बिना पराक्रम जीवन फीका।
दिया 'योग' जग को उपकारा
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
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