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सोमवार, 8 मार्च 2021

द्विपदी / अश'आर

 द्विपदी / अश'आर 

मेरी माशूक के चेहरे पे जो प्यारा सा तिल है,
ध्यान से देखिए वो तिल नहीं है, मेरा दिल है।
*
बाद मरने के मेरी कब्र पे बोना बैगन,
ताकि माशूक मेरी भून के भरता खाए।
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