द्विपदी / अश'आर
मेरी माशूक के चेहरे पे जो प्यारा सा तिल है,
ध्यान से देखिए वो तिल नहीं है, मेरा दिल है।
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बाद मरने के मेरी कब्र पे बोना बैगन,
ताकि माशूक मेरी भून के भरता खाए।
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
द्विपदी / अश'आर
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