अमृत महोत्सव ५
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स्वतंत्रता अमृत महोत्सव गीत ५
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वंदना भारत माता की
जगद्गुरु भाग्य विधाता की
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लहर साबरमती की कहती
शक्ति के हाथ मुक्ति रहती
बढ़े दाण्डी पथ पर गाँधी
साथ ले जनगण की आँधी
नमक मुट्ठी में जब तोला
विदेशी शासन तब डोला
देश आजाद सुहाता की
अमृत उत्सव मन भाता की
वंदना भारत माता की
जगद्गुरु भाग्य विधाता की
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तिरंगा थाम बढ़े हो एक
देश हित काम किया हर नेक
सैन्य ताकत उद्योग विकास
लोक कल्याण लक्ष्य ले खास
समुद भू अंतरिक्ष को नाप
सका यश सकल विश्व में व्याप
कोरोना टीका दाता की
योग आरोग्य प्रदाता की
वंदना भारत माता की
जगद्गुरु भाग्य विधाता की
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हिमालय शीश मुकुट सोहे
हिंद सागर हँस पग धोए
द्वीप जंबू छवि मनहारी
छटा आर्यावर्ती प्यारी
गोंडवाना है हिंदुस्तान
इंडिया भारत देश महान
लोक आनंद मनाता की
सत्य शिव सुंदर दाता की
वंदना भारत माता की
जगद्गुरु भाग्य विधाता की
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