दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
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गुरुवार, 9 सितंबर 2021
बुंदेली दोहा
दोहा सलिला : बुंदेली दोहा * का भौ काय नटेर रय, दीदे मो खौं देख? कई-सुनी बिसरा- लगा, गले मिटा खें रेख. * बऊ-दद्दा खिसिया रए, कौनौ धरें न कान मौडीं-मौड़ां बाँट रय, अब बूढ़न खें ज्ञान. * ९-९-२०१४
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