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मंगलवार, 7 जुलाई 2020

शिव वन्दना: गोस्वामी तुलसीदास

शिव वन्दना:
गोस्वामी तुलसीदास
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नमामी शमीशान निर्वाण रूपमम् ।
विभुम् व्यापकम् ब्रह्म वेदस्सवरूपम् ।।
निजम् निर्गुणम् निर्विकल्पम् निरीहम् ।
चिदाकाशमाकाश वासं भजेहम् ।। १ ।।
निराकार ऊँकार मूलम् तुरीयम् ।
गिराग्यान गोतीश मीशम् गिरीशम् ।।
करालं महाकाल कालम् कृपालम् ।
गुणगार संसार पारम् नतोsहम् ।। २ ।।
तुषाराद्री संकाश गौरं गंभीरम् ।
मनोभूत कोटी प्रभा श्रीशरीरम् ।
स्फुरनमौली कल्लोलिनी चारू गंगा ।
लसत भालु बलेन्दु कंठे भुजंगा ।। ३ ।।
चलत कुण्डलम् भ्रू त्रिनेतरम् विशालम् ।
प्रसन्नानम् नील कंठम् दयालम् ।।
मृगाधीश चर्मामबरम् मुण्डमालम् ।
प्रिय शंकरम् सर्व नाथम् भजामी ।। ४ ।।
प्रचण्डम् प्रखंडम् प्रगलभम् परेशम् ।
अखंडम् अजम्भानु कोटी प्रकाशम् ।।
त्रिय शूल निर्मूलनम् शूलपाणी ।
भजेहम् भवानी पतिम् भाव गम्यम् ।। ५ ।।
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी ।
सदा सच्चिदान्नद दाता पुरारी ।।
चिदान्नद संदोह मोहापहारी ।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मनमथारी ।। ६ ।।
ना यावत उमानाथ पादार विन्दम् ।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।।
न तावत सुखम् शान्ति संताप नाशम् ।
प्रसीद प्रभो सर्व भूतादिवासम् ।। ७ ।।
ना जानामी योगं जपम् नैव पूजा ।
नsतोहम् सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम्् ।।
ज़रा जन्म दुखोःध्य ता तप्यमानम् ।
प्रभो पाहीशापन नमामीश शंभो ।। ८ ।।
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साभार: रामचरित मानस

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