दोहा सलिला
*
जो न उषा को चाह्ता, उसके फूटे भाग
कौन सुबह आकर कहे, उससे जल्दी जाग
*
लाल-गुलाबी जब दिखें, मनुआ प्राची-गाल
सेज छोड़कर नमन कर, फेर कर्म की माल
*
२३-७-२०१४
है यह इच्छा राम की, भारत हो जग श्रेष्ठ.
हम निज मन में झाँककर, नष्ट करें सब नेेष्ठ.
२३-७-२०१४
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जो न उषा को चाह्ता, उसके फूटे भाग
कौन सुबह आकर कहे, उससे जल्दी जाग
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लाल-गुलाबी जब दिखें, मनुआ प्राची-गाल
सेज छोड़कर नमन कर, फेर कर्म की माल
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२३-७-२०१४
है यह इच्छा राम की, भारत हो जग श्रेष्ठ.
हम निज मन में झाँककर, नष्ट करें सब नेेष्ठ.
२३-७-२०१४
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