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शनिवार, 25 सितंबर 2010

कन्हैयालाल नंदन दिवंगत - अविनाश वाचस्पति

कन्‍हैयालाल नंदन
हिंदी साहित्य एवं पत्रकारिता को अमूल्य योगदान देने वाले तथा आत्मीयता,संवेदनशील तथा मिलनसार व्यक्तित्व के स्वामी श्रद्धेय कन्हैयालाल नंदन का आज २५ सितंबर को प्रातः ४ बजे स्वर्गवास हो गया।। २६ सितंबर को साढ़े दस बजे लोधी रोड दिल्ली स्थित श्‍मशानघाट  में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी कविता अहसास का घर की पंक्तियां हैं: दिवंगत

हर सुबह को कोई दोपहर चाहिए,
मैं परिंदा हूं उड़ने को पर चाहिए।
 
वे बिना पर के ही उड़ गए, दोपहर का भी इंतजार नहीं किया पर दोपहर आ रही है। बस नंदन जी नहीं हैं, उनकी स्मृतियाँ हैं।

                                                                                                                  - अविनाश वाचस्पति  

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