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रविवार, 25 जुलाई 2021

मुक्तिका

मुक्तिका:
क्यों है?
संजीव 'सलिल'
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जो जवां है तो पिलपिला क्यों है?
बोल तो लब तेरा सिला क्यों है?

दिल से दिल जब कभी न मिल पाया.
हाथ से हाथ फिर मिला क्यों है?

नींव ही जिसकी रिश्वतों ने रखी.
ऐसा जम्हूरियत किला क्यों है?

चोर करता है सीनाजोरी तो
हमको खुद खुद से ही गिला क्यों है?

शूल से तो कभी घायल न हुआ.
फूल से दिल कहो छिला क्यों है?

और हर चीज है जगह पर, पर
ये मगज जगह से हिला क्यों है?

ठीक कब कौन क्या करे कैसे?
सिर्फ गलती का सिलसिला क्यों है?
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२५-७-२०११ 

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