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शनिवार, 14 नवंबर 2020

बाल गीत : चिड़िया

बाल गीत : 
चिड़िया
*
चहक रही 
चंपा पर चिड़िया 
शुभ प्रभात कहती है 
आनंदित हो 
झूम रही है 
हवा मंद बहती है 
कहती: 'बच्चों!
पानी सींचो,
पौधे लगा-बचाओ
बन जाएँ जब वृक्ष 
छाँह में 
उनकी खेल रचाओ 
तुम्हें सुनाऊँगी 
मैं गाकर 
लोरी, आल्हा, कजरी
कहना राधा से 
बन कान्हा 
'सखी रूठ मत सज री' 
टीप रेस, 
कन्ना गोटी,
पिट्टू या बूझ पहेली 
हिल-मिल खेलें 
तब किस्मत भी 
आकर बने सहेली 
नमन करो 
भू को, माता को 
जो यादें तहती है 
चहक रही 
चंपा पर चिड़िया 
शुभ प्रभात कहती है 
***

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