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रविवार, 12 जनवरी 2020

भगवती प्रसाद देवपुरा

भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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भारत की जन वाणी हिंदी, बने विश्व की वाणी हिंदी
वाग-ईश्वरी की वीणा से , प्रगटी शुभ कल्याणी हिंदी
सात समंदर पार ध्वजा हिंदी लहराये
भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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श्री जी की अनुकम्पा पाई , दर पर धूनी बैठ रमाई
हिंदी गद्य-पद्य की समिधा, संपादन की ज्योति जलाई
अष्ट छाप कवियों के चरित लुभाये
भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये

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तरह अक्टूबर उन्नीस सौ सत्ताईस को प्रगटे
रत्न कुँवर-लक्ष्मीचंद्र
    

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