कुल पेज दृश्य

शनिवार, 25 जनवरी 2020

गणतंत्र

गणतंत्र
आज बने गणतंत्र हम,
जनता हुई प्रसन्न।
भेद-भाव सब दूर हो,
जन-जन हो संपन्न।
*
प्रजातंत्र में प्रजा का,
सेवक होता तंत्र।
जनसेवी नेता बनें,
यही सफलता-मंत्र।।
*
लोकतंत्र में लोकमत,
होता है अनमोल।
हानि न करिए देश की,
कलम उठाएं तोल।।
*
तंत्र न जन की पीर हर,
खुद भोगे अधिकार।
तो जनतंत्र न सफल है,
शासन करे विचार।।
*
ध्वजा तिरंगी देश की,
आन, बान, सम्मान।
झुकने कभी न दे 'सलिल',
विहंस लुटा दें जान।।
*
संविधान को जानकर,
पालन करिए नित्य।
अधिकारों की नींव हैं,
फ़र्ज़ मानिए सत्य।।
*
जाति-धर्म को भुलाकर
भारतीय हैं एक।
भाईचारा पालकर,
चलो बनें हम नेक।।
***
२६.१.२०१८

कोई टिप्पणी नहीं: