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शनिवार, 25 जनवरी 2020

ख़बरदार दोहा

ख़बरदार दोहा 
संध्या सिंह को फड्स बुक ने ऑथर माना 
*
संध्या को ऑथर माना मुखपोथी जी
या सिंह से डर यश गाया मुखपोथी जी


फेस न बुक हो जाए लखनऊ थाने में
गुपचुप फेस बचाया है मुखपोथी जी

लाजवाब नवगीत, ग़ज़ल उम्दा लिखतीं
ख्याल न अब तक क्यों आया मुखपोथी जी

जुड़ संध्या के साथ बढ़ाया निज गौरव
क्यों न सैल्फी खिंचवाया मुखपोथी जी

है "मुखपोथी रत्न" ठीक से पहचानो
कद्र न करना आया है मुखपोथी जी

देख 'सलिल' में फेस कभी 'संजीव' बनो
समझ न तुमको क्यों आया मुखपोथी जी

तुम से हम हैं, यह मुगालता मत पालो
हम से तुम हो, सच भाया मुखपोथी जी?
*
संजीव
१९-१-२०
७९९९५५९६१८

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