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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

घनाक्षरी

घनाक्षरी
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नागनाथ साँपनाथ, जोड़ते मिले हों हाथ, मतदान का दिवस, फिर निकट है मानिए।                                 
चुप रहे आज तक, अब न रहेंगे अब चुप, ई वी एम से जवाब, दें न बैर ठानिए।।                                      सारी गंदगी की जड़, दलवाद है 'सलिल', नोटा का बटन चुन, निज मत बताइए-                                    लोकतंत्र जनतंत्र, प्रजातंत्र गणतंत्र, कैदी न दलों का रहे, नव आजादी लाइए।। ***
संजीव, २८-११-२०१८

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