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बुधवार, 30 जनवरी 2019

ककुभ छंद

तीस मात्रिक तैथिक जातीय ककुभ छंद
*
सोलह-चौदह पर यति रखकर, अंत रखें गुरु दो-दो।
ककुभ छंद रच आनंदित हों, छंद फसल कवि बोदो।।



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