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गुरुवार, 10 जनवरी 2019

संस्मरण: हिंदी क्यों?

संस्मरण
हिंदी क्यों?
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शहर का श्रेष्ठ-उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कड़े अनुशासन हेतु प्रसिद्ध प्राचार्य का कार्यालय कक्ष।
एक विद्यार्थी ने अवकाश दिनों में गृहनगर से बाहर यात्रा करने के लिए रेलवे किराए में छात्रों को देय किराया रियायत हेतु आवेदन करते हुए कारण बताया "सर!  मेरे पिता जी थर्ड क्लास गवर्नमेंट अॉफीसर हैं, इसलिए मैं इस रियायत का पात्र हूँ।"
सुनकर प्राचार्य चौंके, मोटे काँचवाले चश्मे से झाँकते हुए बोले "क्या कहा? फिर से सोच कर बोलो?"
बच्चा प्राचार्य के स्वर से समझ गया कुछ गड़बड़ हो गई है। उसे मौन देख प्राचार्य ने फिर कहा "डरकर चुप मत रहो, सोचकर कहो क्या कहना चाहते हो?"
बच्चे ने पल भर सोचकर कहा "मुझे छुट्टी में बाहर जाना है, पिताजी तृतीय श्रेणी अधिकारी हैं।"
"ठीक है" आवेदन पर हस्ताक्षर करते हुए प्राचार्य ने कहा "क्लास थ्री और थर्ड क्लास में बहुत अंतर होता है। अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग जरूरी नहीं है। बात सही कहो भले ही हिंदी में कहो।"
विद्यार्थी ने बात गाँठ बाँध ली। जब भी किसी को अंग्रेजी या उर्दू के शब्दों का गलत प्रयोग करते देखता, टोंकता, हिंदी बोलने-लिखने के लिए प्रोत्साहित करता है। वह समझ चुका है कि हिंदी क्यों?
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