नव प्रयोग
कुंडलिनी छंद
*
आँख आँख में डाल, चलो करें अब बात हम।
चुरा-झुकाकर आँख, करें न निज विश्वास कम।।
करें न निज विश्वास कम, चलो निवारण हाथ।
काया-छाया की तरह, हों उजास में साथ।।
अंधकार में एक हों, मिला चोंच अरि पाँख।
चलो करें अब बात हम, मिला आँख से आँख।।
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संजीव,
२४-११-२०१८
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