गणतंत्र दिवस पर विशेष गीत:
ध्वजा तिरंगी...
संजीव 'सलिल'
*
ध्वजा तिरंगी मात्र न झंडा
जन गण का अभिमान है.
कभी न किंचित झुकने देंगे,
बस इतना अरमान है...
*
वीर शहीदों के वारिस हम,
जान हथेली पर लेकर
बलिदानों का पन्थ गहेंगे,
राष्ट्र-शत्रु की बलि देकर.
सरे जग को दिखला देंगे
भारत देश महान है...
*
रिश्वत-दुराचार दानव को,
अनुशासन से मारेंगे.
पौधारोपण, जल-संरक्षण,
जीवन नया निखारेंगे.
श्रम-कौशल को मिले प्रतिष्ठा,
कण-कण में भगवान है...
*
हिंदी ही होगी जग-वाणी,
यह अपना संकल्प है.
'सलिल' योग्यता अवसर पाए,
दूजा नहीं विकल्प है.
सारी दुनिया कहे हर्ष से,
भारत स्वर्ग समान है...
****
ध्वजा तिरंगी...
संजीव 'सलिल'
*
ध्वजा तिरंगी मात्र न झंडा
जन गण का अभिमान है.
कभी न किंचित झुकने देंगे,
बस इतना अरमान है...
*
वीर शहीदों के वारिस हम,
जान हथेली पर लेकर
बलिदानों का पन्थ गहेंगे,
राष्ट्र-शत्रु की बलि देकर.
सरे जग को दिखला देंगे
भारत देश महान है...
*
रिश्वत-दुराचार दानव को,
अनुशासन से मारेंगे.
पौधारोपण, जल-संरक्षण,
जीवन नया निखारेंगे.
श्रम-कौशल को मिले प्रतिष्ठा,
कण-कण में भगवान है...
*
हिंदी ही होगी जग-वाणी,
यह अपना संकल्प है.
'सलिल' योग्यता अवसर पाए,
दूजा नहीं विकल्प है.
सारी दुनिया कहे हर्ष से,
भारत स्वर्ग समान है...
****
14 टिप्पणियां:
very nice
//हिंदी ही होगी जग-वाणी,
यह अपना संकल्प है.
'सलिल' योग्यता अवसर पाए,
दूजा नहीं विकल्प है.
सारी दुनिया कहे हर्ष से,
भारत स्वर्ग समान है...//
बहुत ही सार्थक कामना आचार्य जी , दूसरी रचना बहुत ही सुन्दर , भावप्रधान बन पड़ी है । बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें ।
Laxman Prasad Ladiwala
सारी दुनिया कहे हर्ष से, भारत स्वर्ग समान है... हम सबकी ही यह हार्दिक अभिलाषा है जिसके लिए हमको संकल्प कर प्रयास्राथोना होगा ।
ksantosh_45@yahoo.co.in द्वारा yahoogroups.com
आ० सलिल जी
अत्यन्त सुन्दर और सराहनीय कविता के लिए बधाई।
सन्तोष कुमार सिंह
Shriprakash Shukla yahoogroups.com
आदरणीय आचार्य जी,
अति सुन्दर मनोहारी \ मैं श्री आनंदजी से पूरी तरह सहमत हूँ ये गीत प्रभातफेरी गान के लिए अत्यंत उचित है । भाव और काव्य सौन्दर्य दोनों पूर्म रूप से समाहित हैं ।
सादर
श्रीप्रकाश शुक्ल
गणतंत्र दिवस के अवसर पर आपको भी सादर शुभकामनाएँ, आपकी ही पंक्तियों के साथ -
ध्वज तिरंगी मात्र न झंडा
जन गण का अभिमान है.
कभी न किंचित झुकने देंगे,
बस इतना अरमान है...
rajesh kumari
आदरणीय सलिल जी दोनों गीत शानदार हैं देश भक्ति का जज्बा पैदा करते हैं बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं
Naveen Singh
Mere desh ka loktantra mahan hai.
Jisne sabko jine ka,
abhivyakti ka,
samanta ka… haq diya.
Aao aise loktantra ka samman kare..
Aur apne adhikaro, kartavyo ka palan kare.
Aur apne gantantra ko celebrete kare.....Happy Republic Day
Dr.Prachi Singh
आदरणीय संजीव जी ,
सादर प्रणाम !
दोनों गीत बहुत सुन्दर लिखे है.
नेता नहीं, नागरिक बनकर
करें देश का नव निर्माण.
लगन-परिश्रम, त्याग-समर्पण,
पत्थर में भी फूंकें प्राण...............यह पंक्तियाँ बहुत पसंद आयी.
हिंदी ही होगी जग-वाणी,
यह अपना संकल्प है.
'सलिल' योग्यता अवसर पाए,
दूजा नहीं विकल्प है.
सारी दुनिया कहे हर्ष से,
भारत स्वर्ग समान है..............यह पद भी अद्वितीय है, बहुत सुन्दर शब्द भाव कथ्य.
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं .
जय हिन्द !
Er. Ganesh Jee "Bagi"
//जो भी दुश्मन है भारत का
पहुंचा देंगे उसे मसान.
सारी दुनिया लोहा माने
विश्व-शांति का हो मंचन...//
बहुत बढ़िया , सीधे दुश्मन को ललकार रही है यह रचना, लग रहा टंकण त्रुटि के कारण मने(माने) टंकित हो गया है, यदि अनुमति दे तो एडिट कर दूँ ।
//हिंदी ही होगी जग-वाणी,
यह अपना संकल्प है.
'सलिल' योग्यता अवसर पाए,
दूजा नहीं विकल्प है.
सारी दुनिया कहे हर्ष से,
भारत स्वर्ग समान है...//
बहुत ही सार्थक कामना आचार्य जी , दूसरी रचना बहुत ही सुन्दर , भावप्रधान बन पड़ी है । बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें ।
Laxman Prasad Ladiwala
सारी दुनिया कहे हर्ष से, भारत स्वर्ग समान है... हम सबकी ही यह हार्दिक अभिलाषा है जिसके लिए हमको संकल्प कर प्रयास्राथोना होगा ।
लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर भारत माता का वंदन... सारी दुनिया लोहा मने विश्व-शांति का हो मंचन... बहुत सुन्दर श्रेष्ठतम गीत, हार्दिक बधाई
आदरणीय संजीव सलिल जी
sanjiv verma 'salil'
आत्मीय नवीन जी, प्राची जी, बागी जी, लक्ष्मन जी
वन्दे मातरम
अपने रचना सराह कर आशीषित किया, आभारी हूँ. टंकण त्रुटी हेतु खेद है. बागी जी कृपया यथोचित संशोधन कर दें आभार होगा.
Prabhakar Pandey
सम्माननीय सर,
माँ भारती का शत-शत नमन करते हुए बस इतना ही कहूँगा कि माँ के चरणों में समर्पित ये आपकी रचना रूपी पुष्प काव्य जगत को गमकाने वाले हैं, महकाने वाले हैं।। सादर।।
राजेश जी, प्रभाकर जी
आपके सहृदयता को नमन.
एक टिप्पणी भेजें