बाल कविता :
तितली रानी
शुभ्रा शर्मा
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तितली रानी तितली रानी
(1 1 2 2 2 1 1 2 2 2 = 16 मात्रा).
तितली रानी
शुभ्रा शर्मा
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तितली रानी तितली रानी
(1 1 2 2 2 1 1 2 2 2 = 16 मात्रा).
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तितली रानी तितली रानी,
रंग -बिरंगी तितली रानी।।
फूलों पर तू लगती प्यारी
कितनी सुन्दर न्यारी-न्यारी।।
फूलों का रस तेरा जीवन
तुझसे सज्जित सारा मधुवन।।
अपने जैसा सबको कर दे
सबके जीवन में रंग भर दे।।
*
तितली रानी तितली रानी .
रंग-बिरंगी तितली रानी
इतनी फुर्ती कैसे पायी?
हम बच्चों के मन तू भायी।।
क्षण में धरती, क्षण में अम्बर
नाच रही तू सबका मन हर।।
जब-जब बगिया में उड़ती है
तू फूलों जैसी दिखती है
*
(शुभ्रा जी, रचना में कुछ परिवर्तन किये हैं। पसंद हो तो स्वीकार लें अन्यथा भूल जाएँ। हर पंक्ति में पदभार समान हो तो बच्चों को गाने में आसानी होगी। शहद तितली नहीं मधु मक्खी बनाती है। तितली बादल जितनी ऊंचाई पर मैंने कभी नहीं देखी।)
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