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रविवार, 31 अक्तूबर 2021

२८ वार्णिक दण्डक छंद

छंद कार्यशाला -
२८ वार्णिक दण्डक छंद
विधान - २८ 
वार्णिक, ६-१४-१८-२३-२८ पर यति।
४३ मात्रिक, १०-११--७-६-९ पर यति।
गणसूत्र - र त न ज म य न स ज ग।
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नाद से आल्हाद, झर कर ही रहेगा, देख लेना, समय खुद, देगा गवाही
अक्षरों में भाव, हर भर जी सकेगा, लेख लेना, सृजन खुद, देगा सुनाई
शब्द हो नि:शब्द, अनुभव ले सकेगा, सीख देगा, घुटन झट होगी पराई
भाव में संचार, रस भर पी सकेगा, लीक होगी, नवल फिर हो वाह वाही
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आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
९४२५१८३२४४
salil.sanjiv@gmail.com

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