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बुधवार, 18 नवंबर 2020

छंद-बहर दोउ एक हैं ३ मुक्तिका

कार्य शाला 
छंद-बहर दोउ एक हैं ३ 
*
मुक्तिका 
चलें साथ हम 
(छंद- तेरह मात्रिक भागवत जातीय, अष्टाक्षरी अनुष्टुप जातीय छंद, सूत्र ययलग )
[बहर- फऊलुं फऊलुं फअल १२२ १२२ १२, यगण यगण लघु गुरु ] 
*
चलें भी चलें साथ हम 
करें दुश्मनों को ख़तम 
*
न पीछे हटेंगे कदम 
न आगे बढ़ेंगे सितम 
*
न छोड़ा, न छोड़ें तनिक 
सदाचार, धर्मो-करम 
*
तुम्हारे-हमारे सपन 
हमारे-तुम्हारे सनम 
*
कहीं और है स्वर्ग यह 
न पाला कभी भी भरम 
***
१८-११-२०१६

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