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शनिवार, 4 जुलाई 2020

अनुभवजन्य प्रेरणा स्त्रोत--आचार्य ई. संजीव वर्मा सलिल जी


🏵🏵अनुभवजन्य प्रेरणा स्त्रोत--आचार्य ई. संजीव वर्मा सलिल जी --🏵🏵
मानव जीवन में अनुभव की अन औपचारि क पाठशाला अत्यन्तB महत्वपूर्ण होती है। अनुभव का पाठ किसी निर्धारित पाठ्यक्रम के अन्तर्गत किसी निर्धारित पाठशाला में प्राप्त नहीं किया जा सकता है ।यह तो मानव जीवन के सांसों की गिनती बढ़ने के साथ साथ प्राप्त होता है। उम्र एवं कार्य अभ्यास की परिपक्वता अनुभवजन्यता को बढ़ाती है। ऐसे ही अनभवजन्य प्रेरणा स्रोत एक सशक्त मिशाल हैं हमारे अग्रज भाई श्रधेय आचार्य ई. संजीव वर्मा सलिल। आप अध्यन के क्षेत्र में अभियांत्रिकी,न्याय एवं कानून आदि अनेकों क्षेत्रों में प्रवीण हैं। विभिन्न भाषओं के साहित्य की जानकारी में भी आप महारथ हासिल किये हैं। हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं में भी आपकी गहरी पकड़ है। अनेंक वर्षों से आप हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं पर अपनी लेखनी चला रहें हैं।आपको सरस्वती जी का वरदान प्राप्त है।आपनें कविता,कहानी, गीत ,गजल,दोहा,सोरठा, छन्द,चोपाई,छप्पये,चौपाइ, आलेख,निबंध,रिपोर्टज, समीक्षा, साक्षात्कार आदि अनेकों विधाओं में विशेषज्ञता हासिल की है। आपअनुभवजन्य प्रेरक के रूप में सभी को सदैव उपलब्ध रहते है। विविध विषयों,विविध क्षेत्रों में आप लेखन कार्य करते रहते है। चित्रकारी,फोटोग्राफी प्राचीन एवं नवीन उपकरण तकनीकी आदि विभिन्न कला कौशल में आप उत्क्रष्टता से प्रवीण हैं। अनेकों साहित्यक,सामाजिक सांस्कृतिक,वैज्ञानिक, शिक्षा,कला, क्रीड़ा आदि अनेंक क्षेत्रों में आपको सम्मान,पुरुस्कार प्राप्त हुऐ है। अनेकों संस्थाओं द्वारा आपको अभिनन्दित किया गया है।आप जैसे अनुभवजन्य प्रेरणायुक्त प्रेरक की आज अत्यंत आवश्कता है।
🏵🏵डॉ. मुकुल तिवारी।
बलमुकुन्द त्रिपाठी मार्ग
राम मंदिर के पास, दीक्षितपुरा,जबलपुर,म.प्र.।
मो.९४२४८३७५८५।

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