दोहा
जब भी पाओ समय तो, करलो तनिक विनोद.
'सलिल' भूलकर फ़िक्र सब, हो आमोद-प्रमोद..
*
'सलिल' बड़ों ने सच कहा, न दो किसी को दोष.
बढ़ो सतत निज राह पर, मन में रख संतोष..
*
जब भी पाओ समय तो, करलो तनिक विनोद.
'सलिल' भूलकर फ़िक्र सब, हो आमोद-प्रमोद..
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'सलिल' बड़ों ने सच कहा, न दो किसी को दोष.
बढ़ो सतत निज राह पर, मन में रख संतोष..
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