चुनावी मुक्तक
'दिग्गी राजा' भटक रहा है, 'योगी' को सिंहासन अर्पण
बैठ न गद्दी बिठलाता है, 'शाह' निराला करे समर्पण
आ 'अखिलेश' बधाई दें, हँस कौतुक से देखा 'नरेंद्र' ने
साइकिल-पंजा-हाथी का मिल जनगण ने कर डाला तर्पण
२२.३.२०१७
**
'दिग्गी राजा' भटक रहा है, 'योगी' को सिंहासन अर्पण
बैठ न गद्दी बिठलाता है, 'शाह' निराला करे समर्पण
आ 'अखिलेश' बधाई दें, हँस कौतुक से देखा 'नरेंद्र' ने
साइकिल-पंजा-हाथी का मिल जनगण ने कर डाला तर्पण
२२.३.२०१७
**
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें