मुक्तक
नव वर्षोत्सव मंगलमय हो।
माँ की कृपा अमित-अक्षय हो।।
करें साधना सद्भावों की,
नित नव रचनाएँ निर्भय हों।। *
नव वर्षोत्सव मंगलमय हो।
माँ की कृपा अमित-अक्षय हो।।
करें साधना सद्भावों की,
नित नव रचनाएँ निर्भय हों।। *
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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