मुक्तक:
मत लब से तुम याद करो, अंतर्मन से फ़रियाद करो
मतलब पूरा हो जायेगा, खुशियों को आबाद करो
गाँठ बाँध श्रम-कोशिश फेरे सात साथ यदि सकें लगा
देव सदय हों मंज़िल के संग आँख मिला संवाद करो
*
मत लब से तुम याद करो, अंतर्मन से फ़रियाद करो
मतलब पूरा हो जायेगा, खुशियों को आबाद करो
गाँठ बाँध श्रम-कोशिश फेरे सात साथ यदि सकें लगा
देव सदय हों मंज़िल के संग आँख मिला संवाद करो
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