दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014
muktak:
मुकतक:
कल्पना की अल्पना तो डालिए
दीप उस पर उमंगों का बालिए
अँधेरों की फ़िक्र किंचित मत करें-
उजाले को सदा मन में पालिए
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