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बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

मनवन्तर - आयुष्मति गीतिका परिणयोत्सव


।। ॐ श्री चित्रगुप्ताय नम: ।। ।। ॐ श्री गणेशाय नम: ।।

-----: आयुष्मान मनवन्तर - आयुष्मति गीतिका परिणयोत्सव, २५ जनवरी २०२२ :-----

शुभकामना पत्र 

।मातु नन्दिना-दक्षिणा, चित्रगुप्त कर्मेश।
।। रेवा माँ; 'नरसिंह' प्रभो!, रहिए सदय हमेश।।

। रद्धि-सिद्धि के नाथ, विधि-हरि-हर सह आइए।
।।करिए देव सनाथ, शारद-रमा-उमा सहित।।

।हों अपूर्ण से पूर्ण चल, सप्तपदी पर साथ। 
।'मन्वन्तर' सह 'गीतिका', लिए हाथ में हाथ

यही सनातन रीत, प्रकृति-पुरुष तज द्वैत दें।
करते सृजन पुनीत, वर कर पथ अद्वैत का।। 

।'शान्ति-राज' आशीष, 'रामकली-शंकर' सहित।
।दें 'प्रसन्न-राजीव', सुरपुर से पुरखे मुदित

नगर 'जबलपुर' झूम, शुभ 'प्रभात' 'पुष्पा' कहे। 
मचे दस दिशा धूम, हर्षित 'तुहिना' 'साधना'।।

।वृत्ति 'सुशीला' 'शालिनी', 'शीला' सह 'अनुराग'। 
।'विपिन' 'शिवांगी' बिखेरें, स्वागत गीत पराग।।

सह 'विनीत' 'गीतेश', 'प्राची' 'सजल' 'प्रहर' 'शुभम'
।देखें 'क्षितिज' 'विवेक', 'अंकुर' 'अंकित' स्नेह का

।'राजकमल' 'अरविन्द' ले, 'अजय' 'अनिल' को संग
।'सचिन' 'जितेंद्र' जमा रहे, 'अतुल' 'अमित' नव रंग

 'सविता' 'संध्या' साथ, 'प्रतिमा' गीत सुना रहीं
।उठा-झुका कर माथ, ढोलक खूब बजा रहीं
    
।हैं दिलीप संजय मुदित, खुश राजेश रमेश
।मंत्र ऋचाएँ श्लोक सुन, हर्षित हैं अखिलेश

।आन्या अविरल अनय, रस्में चकित निहारते
।कौतूहली दिशांक, जहँ-तहँ फिरते भागते।    

। बेंदा अचकन पर गया, बरबस ही दिल हार
।कलगी नथनी पर गई, पल भर में दिल हार

बात करे बिन बात, पायल चूड़ी खनककर
।गहे स्वप्न सौगात, अचकन पटका हुलसकर

।फेरे सात; सात जन्मों तक, सुख-दुःख में हों साथ
।हो अभिन्न नित लिए रहेंगे, विहँस हाथ में हाथ।  

।दो कुल होंगे एक, श्री वास्तव में वरण कर
।जाग्रत रखें विवेक, वर्मा वीराचरण कर

।'आशा' 'पुष्पा'ए सदा, 'सुषमा' 'किरण' बिखेर
।'पूनम' 'आभा' 'मोहिनी', लाए 'निशा' अबेर

।'कीर्ति' 'दीप्ति' दो नाथ, 'संध्या' 'वंदन' 'प्रार्थना'
।कर हो सकें सनाथ, 'हर्षित' 'मुदित' सदा रहें। १८ 

।'ॐ प्रका'श सदय रहे; 'महावीर' 'हनुमान'
।रहें 'अशोक' 'अनूप' हम, जीवन हो रसखान

।संजीवित हो स्वप्न हर, दें गुरुजन आशीष
।मन्वन्तर-गीतिका मिल, हर सुख पाएँ ईश

शुभाकांक्षी 
साधना - संजीव 
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