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रविवार, 20 फ़रवरी 2022

सॉनेट

गले मिले दोहा यमक
*
धमक यमक की जब सुने, 
चमक-दमक हो शांत।
अटक-मटक मत मति कहे,
सटक न होना भ्रांत।।
*
नौ कर आप न चाहते, 
पर नौकर की चाह।
हो न कलेजा चाक रब, 
चाकर कर परवाह।।
*
हो बस अंत असंत का, 
यही तंत है तात।
संत बसंत सजा सके, 
सपनों की बारात।।
*
यम कब यमक समझ सके, 
सोच यमी हैरान।
तमक बमक कर ले न ले, 
लपक जान की जान।।
***
सॉनेट 
शुभकामना
सुमन करते आपका स्वागत।
भाल पर शोभित तिलक चंदन।
सफलता है द्वार पर आगत।।
हृदय करते आपका वंदन।।

अनिल कर दे श्वास हर सुरभित।
जया दे जय, जयी हो हर आस।
अनल से पा तेज हों प्रमुदित।।
धरा-नभ दे धैर्य शौर्य हुलास।।

सलिल सिंचित माथ हो गर्वित।
वरद हों कर, हृदय करुणापूर्ण।
दिशाएँ वर दें रहो चर्चित।।
हर विपद कर कोशिशें दें चूर्ण।।

वह मिले जो चाहते हैं आप।
यश युगों तक सके जग में व्याप।।
२०-२-२०२२
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